धरणीधर कोइराला: अति सुन्दर मानव-जीवन यो

महाकवि लक्ष्मी प्रसाद देबकोटा: मुना मदन | पागल | भिखारी

कवि शिरोमणि लेखनाथ पौड्याल: नैतिक दृष्टान्त | कालमहिमा | पिंजडाको सुँगा | सत्य सन्देश

युगकवि सिद्धिचरण श्रेष्ठ: मेरो प्यारो ओखलढुंगा | म बहुला होइन 

हरिभक्त कटुवाल: यो जिन्दगी खै के जिन्दगी